बड़ी मुद्दत से तलाश रहा हूँ
ख़ुद के लिए एक नई जगह...
इक नई जगह तंग ही सही
पर जहाँ बेतरतीब पड़े रहे जज्बात मेरे
और यादों को कोई न छुए
हर वक्त सुकून का हो जहाँ
बेवक्त की टोका टोकी न रहे
तलाश रहा हूँ एक ऐसी जगह
बड़ी मुद्दत से
खुद के लिए!
Wednesday, November 18, 2009
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arre wah...bahut khub!
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